Lockdown में छूट मिलने से घूमने लगा विकास का पहिया, श्रमिकों ने ली राहत की सांस


कुल्लू। लाॅकडाउन (Lockdown) एवं कर्फ्यू में विभिन्न विकास कार्यों के लिए छूट मिलने के बाद कुल्लू जिला में भी कई विकास कार्य आरंभ हो चुके हैं। विशेषकर, निर्माण कार्यों के शुरू होने से जहां प्रवासी श्रमिकों ने राहत की सांस ली है। वहीं विकास का पहिया भी अब घूमने लगा है। इसी कड़ी में क्षेत्रीय अस्पताल के परिसर में करोड़ों की लागत से बन रहे 2 नए ब्लाॅकों के कार्य ने भी रफ्तार पकड़ ली है।


कुल्लू (Kully) जिला के अलावा लाहौल-स्पिति, पांगी और मंडी जिले के द्रंग तथा सराज विधानसभा क्षेत्रों के कई इलाकों के लोगों को भी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने वाले क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में 2 नए भवनों के निर्माण से यहां मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। लाॅकडाउन एवं कर्फ्यू में अनुमति मिलने के बाद दोनों भवनों का कार्य युद्ध स्तर पर करवाया जा रहा है।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डाॅ. सुशील चंद्र शर्मा ने बताया कि क्षेत्रीय अस्पताल परिसर में 4 करोड़ रुपए की लागत से प्रशासनिक ब्लाॅक का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इसी परिसर में करीब साढे 12 करोड़ रुपए की लागत से 100 बिस्तरों के मातृ-शिशु अस्पताल ब्लाॅक का काम भी तेजी से चलाया जा रहा है। डाॅ. सुशील ने बताया कि प्रशासनिक ब्लाॅक का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय और स्वास्थ्य विभाग के अन्य सभी कार्यालय क्षेत्रीय अस्पताल से नए ब्लाॅक में स्थानांतरित हो जाएंगे। इससे मौजूदा अस्पताल भवन की सबसे ऊपरी मंजिल पूरी तरह खाली हो जाएगी और यहां मरीजों के लिए नए वार्ड बनाए जाएंगे।


इसी प्रकार निर्माणाधीन मातृ-शिशु अस्पताल ब्लाॅक में 100 बिस्तरों की व्यवस्था होगी जोकि केवल गर्भवती एवं प्रसूता महिलाओं और शिशुओं के लिए होंगे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इस समय क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू की क्षमता 300 बिस्तरों की है, लेकिन 2 नए ब्लाॅकों के निर्माण से इस अस्पताल की क्षमता काफी बढ़ जाएगी और यहां मरीजों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी। डाॅ. सुशील चंद्र ने बताया कि लाॅकडाउन एवं कर्फ्यू में निर्माण कार्यों को अनुमति मिलने से कुल्लू अस्पताल प्रबंधन को बहुत बड़ी राहत मिली है और इसके 2 नए भवनों के कार्य अतिशीघ्र पूरा होने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।


उधर, प्रशासनिक ब्लाॅक का निर्माण करवा रहे कांट्रेक्टर सतीश कुमार शर्मा ने लाॅकडाउन एवं कर्फ्यू में काम की अनुमति देने के लिए सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस भवन का कार्य अंतिम चरण में है। लाॅकडाउन एवं कर्फ्यू में उन्होंने अपने श्रमिकों के रहने तथा खाने-पीने का पूरा ध्यान रखा और अब अनुमति मिलते ही भवन के कार्य को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

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